Wednesday, May 12, 2010

निशब्द कवी



हृदय की उन्मुक्तता में है निर्झर बन बहने की उत्कंठ प्यास ।
पर मिल नहीं पा रहे भावों को अलंकारो के रसमयी स्वास ॥
मौन मेरी कल्पना का हो रहा रह रह के उद्विग्न है ।
पर पुष्प मेरी कविता के न प्रस्फुटित हो पा रहे निर्विघ्न हैं ।

इस गोधुली में हर कम्पोल ने ओढ़ रखा है एक सुरम्य निर्मल आवरण।
पर प्रकृति की इस छठा को देख कर भी नहीं कर पा रहा भीतर का कवी उल्लास का अनावारण॥
अश्रुओं की वेदना भी नहीं कर पा रही अन्दर के अनुराग को परिलक्षित ।
और विरह की व्यथा नहीं हो पा रही छंदों में बंध कर आरक्षित ॥

स्याही विचारों की दासी बन तत्परता से बहने को उद्वेलित है ।
पर विश्व का ये हाहाकार भी ना कर पा रहा मेरी कलम रुपी क्रांति को आंदोलित ही॥
क्यों इन नैनों में छाने लगा गहन उदासीन अन्धकार है।
क्यों दे नहीं पा रहा अवचेतन निराकार की मिटटी को शब्दों का अर्थपूर्ण आकर है ॥

वस्तुत: अंतर का प्रकाश निराशा के भंवर में हो चूका है मद्धम और निढाल ।
पर साहस का देवता आत्मा के सम्मान को अब भी दे रहा है एक बलिष्ट ढाल ॥
विश्वास है मुझे आह्लाद इस अस्तित्व के रोम रोम से फिर फूटेगा ।
संसार फिर मेरी रचना से आमोद के इन्द्रधनुषी रंग लूटेगा ।

भावहीनता के ये पयोद लुप्त होते ही बह पड़ेगी कविता के पियूष की सौम्य रसधार ।
ध्वनी इस बौधिक वीणा की होगी पुन: प्रतिभा के कृतित्व से आत्मसार
Glossary:
unmuktata - liberation
nirjhar - waterfall
utkanth - desperate
alankar - a word or phrase used for vivid or dramatic effect
swash - breath
udvign - restless
prasphutith- germinate
nirvidhn- without any obstacle
godhuli - dusk
kampol - buds
suramya- delicate
aavaran - covering
ulaas- happiness
anavaran- unfolding
parilakshit- reflect
anurag- heartstring
chand- stanzas of a poem
udvelit- excited
balisth - strong
aahlaad - supreme joy
aamod - enjoyment
pyod - clouds
piyush - amrit(i don know the english)
baudhik - intellectual
veena - sitaar
krititv- creativity
aatmsaar- assimilate





































































2 comments:

  1. through your lines of emotions my thoughts flow
    these lines will echo through the hollows of my mind for a long time

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